दवाई लेने जा रहे मां-बेटे को रोडवेज बस ने मारी टक्कर, हादसे में बेटे की मौत

दवाई लेने जा रहे मां-बेटे को रोडवेज बस ने मारी टक्कर, हादसे में बेटे की मौत

रामनगर। रामनगर में एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें दवाई लेने जा रहे मां-बेटे को रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। इस हादसे में बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां गंभीर रूप से घायल हो गई।

जानकारी के अनुसार, ग्राम नरपत नगर व्याना, स्वार (जिला रामपुर, उत्तर प्रदेश) निवासी तारुफ (50 वर्ष) अपनी मां सईदा के साथ बाइक से दवाई लेने रामनगर आ रहे थे। जैसे ही वे नेशनल हाईवे 309 पर नया गांव चौहान के पास पहुंचे, तब रामनगर से काशीपुर की ओर जा रही रोडवेज बस ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।

यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों मां-बेटे सड़क पर गिरकर बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को तत्काल स्थानीय लोगों की मदद से सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने तारुफ को मृत घोषित कर दिया। वहीं, घायल सईदा की हालत गंभीर बनी हुई है, और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

हादसे के बाद, बस चालक मौके से फरार हो गया। कोतवाली रामनगर के वरिष्ठ निरीक्षक मनोज नयाल ने बताया कि बस को कब्जे में ले लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

बताया गया कि मृतक तारुफ अविवाहित था और अपनी मां को दवाई दिलवाने के लिए रामनगर आया था। इस हादसे के बाद परिजनों का बुरा हाल है और वे गहरे शोक में डूबे हुए हैं। पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

अधिवक्ता पूरन चन्द्र आर्या की दमदार पैरवी से मोटरसाईकिल दुर्घटना मामले में अभियुक्त को संदेह का लाभ, दोषमुक्त किया गया

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अधिवक्ता पूरन चन्द्र आर्या की दमदार पैरवी से मोटरसाईकिल दुर्घटना मामले में अभियुक्त को संदेह का लाभ, दोषमुक्त किया गया

हल्द्वानी: 22 जुलाई 2021 को रामबाग चैराहा पर हुए एक सड़क दुर्घटना मामले में अभियुक्त को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया। प्रार्थी के भाई सुरेन्द्र सिंह, जो अपनी स्कूटी से रामबाग चैराहा जा रहे थे, को हल्द्वानी की ओर से आ रही मोटरसाईकिल ने टक्कर मार दी थी, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें कृष्णा अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था।

इस घटना के बाद, वादी मुकदमा ने थाना चोरगलिया में मामला दर्ज कराया था, जिसमें अभियुक्त के खिलाफ धारा 279 (सार्वजनिक स्थान पर गाड़ी तेज गति से चलाना) और धारा 338 (किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाए गए थे।

विवेचना के दौरान, अभियोजन पक्ष ने विभिन्न गवाहों को अदालत में पेश किया, लेकिन अभियोजन साक्ष्यों के आधार पर यह साबित नहीं हो सका कि अभियुक्त ने घटना के दिन मोटरसाईकिल को तेज गति से चलाया था। अभियुक्त ने अपने बचाव में कहा कि साक्षीगण झूठी गवाही दे रहे हैं और उन्होंने खुद भी साक्ष्य देने से इंकार किया।

न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को संदेहास्पद मानते हुए अभियुक्त को धारा 279 और 338 के तहत दोषमुक्त कर दिया। न्यायालय का कहना था कि संदेह का लाभ अभियुक्त को दिया जाना विधिक और न्यायिक दृष्टिकोण से आवश्यक था, क्योंकि अभियोजन द्वारा घटना की समय और परिस्थिति को साबित नहीं किया जा सका। जिससे अभियुक्त को राहत मिली, और मामले में संदेह के कारण उसे दोषमुक्त किया गया।

हल्द्वानी: अशासकीय स्कूलों के टीचर्स को सैलरी में देरी, आर्थिक संकट बढ़ा

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हल्द्वानी: अशासकीय स्कूलों के टीचर्स को सैलरी में देरी, आर्थिक संकट बढ़ा

हल्द्वानी: अशासकीय स्कूलों के शिक्षक समय पर सैलरी न मिलने के कारण परेशान हैं। फरवरी के अंत में जनवरी का भुगतान मिलने के बाद अब मार्च में फरवरी का वेतन लटक गया है। इस लचर सिस्टम के कारण शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

नैनीताल जिले में 100 से अधिक अशासकीय जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां 500 से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से सैलरी में देरी हो रही है, जिससे उन्हें घर के खर्च, बच्चों की फीस और बैंक लोन का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है।

शिक्षकों के मुताबिक, शिक्षा विभाग फरवरी की सैलरी को बजट न होने का कारण बता रहा है, और कई स्कूलों में जनवरी का भुगतान भी नहीं हुआ है। मार्च का आधा महीना गुजर चुका है, लेकिन सैलरी में कोई सुधार नहीं हुआ है।

मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद जायसवाल ने बताया कि जनवरी की सैलरी जारी कर दी गई है। यदि कहीं भुगतान रुका है, तो इसे दिखवाया जाएगा। फरवरी की सैलरी मेंटीनेंस के कारण आईएफएमएस पोर्टल पर नहीं हो पाई, लेकिन इसे जल्द जारी किया जाएगा।

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